वर्तमान परिवेश में व्यंग्य की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्टी का आयोजन
कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में वर्तमान परिवेश में वयंग्य की भूमिका पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रख्यात साहित्यकार पंकज प्रसून की पुस्तक ‘सच बोलना पाप है’ का विमोचन हुआ। इस अवसर पर पंकज प्रसून ने अपनी चर्चित कविता ‘लड़कियां लडाका होती हैं’ पढ़ा जिसे खूब सराहा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुभाष चंद्र ने पंकज प्रसून की रचनाओं पर चर्चा करते हुए उनके लेखन को समाज की सच्चाई का आइना बताया। उन्होंने साहित्य और किताबों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि हार्ड कॉपी में किताबें पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने साहित्य को सामाजिक बदलाव का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो एनबी सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज शुक्ला ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक प्रो सौबान सईद ने दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों में प्रो मो एहतेशान, प्रो फखरे आलम, प्रो मसूद आलम फलाही, प्रो तनवीर खदीजा, डॉ अकमल शादाब, डॉ वासी आजम, और डॉ ज़फरुन नकी सहित कई अन्य शि