मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं विधानसभा की समितियां: सतीश महाना


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने नवगठित समितियों की बैठकों के उद्घाटन सत्र के दूसरे दिन समितियों के महत्व और विधायकों को उनकी जिम्मेदारियों का विस्तार से बोध कराते हुए कहा कि विनम्रता का प्रदर्शन स्वभाव में हो, लेकिन निर्णयों में कठोरता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में समितियां मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं। समिति की बैठकों में विधायकों को अपनी व्यावहारिक क्षमता दिखाने की जरूरत है।

विधान भवन में मंगलवार को महिला एवं बाल विकास संबन्धी संयुक्त समिति, प्रदेश के स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच सम्बन्धी समिति, पंचायती राज समिति एवं अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति की उद्घाटन बैठकों में विधानसभा अध्यक्ष से समिति के सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।  


श्री महाना ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि समितियों का लोकतंत्र में बड़ा महत्व है। राजनीति में हम ‘बाय चांस नहीं, बाय च्वाइस’ आए है। इसलिए इस बात को समझने की आवश्यकता है कि जनहित के जो काम हम राजनीति में रहकर कर सकते हैं वह कहीं और नहीं कर सकते है। समितियों की महत्ता पर जोर देते हुए श्री महाना ने कहा कि समितियां विधानसभा के कार्यों का अनुश्रवण करती हैं। विधानसभा में सत्र के अलावा भी पूरे वर्ष कामकाज चलता रहता है और सभी विधायकों को पूरे मनोयोग से इन बैठकों में शामिल होना चाहिए। समितियों को प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बेहतर कार्य करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि विधायिका का गौरव तब बढ़ेगा जब हम मिलकर काम करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब सभी विधायक सहयोग करेंगे तभी विधायिका का सम्मान बढ़ेगा। विधायिका का सम्मान समाप्त हो गया तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा।

श्री महाना ने कहा कि 18वीं विधानसभा की पहचान भी सदन के विधायकों के कारण ही बेहतरीन बनी है। विधानभवन को आकर्षक बनाने के पीछे यही सोच है कि लोग यहां आएं और विधायिका की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने एक बार फिर कहा कि कोई भी समिति छोटी या बड़ी नहीं होती। प्रत्येक समिति का कार्य महत्वपूर्ण होता है। 


इस अवसर पर प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने बताया कि हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया है। यूपी के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी राज्य विश्वविद्यालय ने विधानसभा अध्यक्ष को सम्मानित किया है। विधानसभा अध्यक्ष को सम्मानित किए जाने पर सभी सदस्यों ने ताली बजाकर उनको बधाई दी।


इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास संबन्धी संयुक्त समिति की सभापति नीलिमा कटियार, प्रदेश के स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच सम्बन्धी समिति के सभापति मनीष असीजा, पंचायती राज समिति के सभापति लोकेन्द्र प्रताप सिंह तथा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सभापति श्रीराम चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष को अपनी समिति की तरफ से धन्यवाद देते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

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