विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका व नियम समिति की बैठक को संबोधित किया


लखनऊ। विधानसभा समितियां संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत होती हैं और इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। 18वीं विधानसभा में इन समितियों की भूमिका और भी अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जनता से चुनकर आता है, वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में विधानसभा पहुंचता है। इसलिए इन समितियों के माध्यम से उनकी कार्यक्षमता और भी बढ़ाई जाती है।

बुधवार को विधानभवन के समिति कक्ष में आयोजित याचिका समिति और नियम समिति की बैठकों को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आज के समय में पूरे देश में उत्तर प्रदेश विधानसभा की चर्चा हो रही है और उनकी कोशिश है कि विधायक और विधायिका के सम्मान को बढ़ाने का प्रयास लगातार जारी रहे। उन्होंने कहा कि समितियां सरकार के सहयोग के लिए होती हैं, इसलिए विधायकों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में यह जानकारी दी जानी चाहिए कि सदन के अंदर क्या-क्या कार्य होते हैं। विकास कार्यों और जनसेवा के साथ-साथ लोगों को यह भी समझाने की आवश्यकता है कि विधायिका किस प्रकार काम करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपने क्षेत्र के लोगों को विधानसभा लेकर आएं ताकि विधाायिका के प्रति उनकी नकारात्मक धारणाएं बदल सकें। जब लोग प्रत्यक्ष रूप से विधानसभा और विधायकों के कार्यों को देखेंगे, तो उनकी समझ और दृष्टिकोण में बदलाव आएगा।


श्री महाना ने कहा कि विधानसभा का सुंदर भवन बनने के बाद लोग अब इसके बारे में अधिक जानने लगे हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग विधायिका के महत्व को नहीं समझते हैं। इसलिए वर्षों पुरानी इस धारणा को बदलने की जरूरत है, और यह जिम्मेदारी हम सबकी है कि हम अपने क्षेत्र के लोगों को विधानसभा लाएं और उन्हें विधायिका की कार्यप्रणाली से अवगत कराएं।

श्री महाना ने कहा कि विधानसभा की समितियों का कार्य केवल विधायकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। विधानसभा में जो मुद्दे उठते हैं, वे सरकार के विचारार्थ भेजे जाते हैं और समिति के सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे इन मुद्दों पर पूरी गंभीरता से कार्य करें। 

इस मौके पर याचिका समिति के सदस्य अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि जिस प्रकार अध्यक्षजी ने नगर विकास और औद्योगिक विकास के मंत्री पद पर रहते हुए खूब विकास कार्य कराए थें। उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अब वह विधानसभा के विकास की दिशा में काम कर रहे है। जो हमारे ज्ञानवर्धन के साथ-साथ राज्य की विधायिका की प्रतिष्ठा को भी बढ़ा रहा है।

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