देश की पहचान संस्कार व संस्कृति से ही है: बबीता चौहान

  • क्षत्रियों ने मनाया महाराज अग्रसेन जयंती
  • महाराज अग्रसेन अर्थव्यवस्था के पोषक थे: बाबा हरदेव सिंह
  • महाराज अग्रसेन सामाजिक विचारधारा के पोषक थे: जूही सिंह


लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान समय में जरूर इस बात की है कि संस्कार और संस्कृति को कैसे मजबूत किया जाए। समाज और देश की पहचान संस्कार और संस्कृति से ही है। इसलिए हमारी सबकी जिम्मेदारी है कि हम खुद बेहतर आचरण करके आने वाली पीढियों को अच्छे संस्कार दें और अपनी संस्कृति के प्रति उन्हे शिक्षित कर जागरूक बनाएं। बबिता सिंह चौहान रविवार को एसकेडी परिसर में महाराज अग्रसेन की जयंती के अवसर आयोजित समारोह में बोल रहीं थी। 

उन्होंने कहा कि महाराज अग्रसेन ने अपने राज्य में जनता को व्यावसायिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने मे भरपूर प्रोत्साहन दिया। जिसके चलते उनका साम्राज्य धनधान्य से परिपूर्ण रहा और वहां के निवासियों का जीवन सुखमय रहा। उन्होंने कहा कि समाज और देश के निर्माण में उसकी तरक्की में सब का योगदान है और उत्तर प्रदेश क्षत्रिय लोक सेवक परिवार महासमिति ने इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश और समाज के महापुरुषों के विचारों उनके कृतित्व को समाज के सामने उल्लेखित किया जा रहा है। युवा पीढ़ी को अवगत कराया जा रहा है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर विनोद सोलंकी ने कहा कि महाराज अग्रसेन ने अर्थव्यवस्था से अपने राज्य को संपन्न कर समाज को एक नई दिशा दी। उनके दिखाए गए मार्ग आज भी प्रासंगिक हैं। देश की संस्कृति और सभ्यता पर बाहरी आक्रमण ने यहां की भाषा, भूषण, भ्रमण, भजन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। संस्कृति को विकृत करने की साजिश विदेश से लगातार जारी है। आज जरूरत है कि समाज को इस साजिश से कैसे बचाया जाए। देश की संस्कृति, सभ्यता, श्रद्धा, आदर सत्कार के मानवीय मूल्य कैसे सुरक्षित रखे जाएं। उन्होंने कहा कि हम सबको इस दिशा में मिलकर प्रयास करना होगा। समाज में जो जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग हैं उन्हें अपने अपने स्तर से प्रयास करके देश की संस्कृति सभ्यता को अक्षुण्य रखने दिशा में भरपूर योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी में आज भी मुसहर और वनटांगिया जनजाति के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
      
इस अवसर पर होम्योपैथी के पूर्व निदेशक डॉक्टर बीएन सिंह ने कहा कि समय की मांग है कि संस्कार पर जोर दिया जाए। युवाओं को संस्कार सिखाए जाए।


इस अवसर पर पद्मश्री डॉक्टर विद्याविन्दु सिंह ने कहा कि हम सब किसके वंशज हैं पीढियों में यह लालसा हमेशा रहती है कि हम अपने को अपने पूर्वजों से जोड़ सकें। उन्होंने कहा कि जीवन का उद्देश्य होना चाहिए शिक्षित होकर संस्कृत होकर कर्मठ होकर ही हम अच्छा समाज और मजबूत देश बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में यह है सर्व विदित है कि क्षत्रिय वर्ग से ही राजा होते रहे हैं लेकिन राजा पूरे समाज का होता है किसी एक वर्ग का नहीं होता। इसलिए राजाओं ने समाज हित में ही अपनी भूमिका निभाई है। महाराजा अग्रसेन ने भी अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी से निभाया और समाज को खुशहाल बनाने के लिए उन्होंने अपने राज्य के निवासियों में व्यवसाय करने की प्रवृत्ति विकसित की। भारत में भी अब जरूरत इस बात की है कि यहां के लोगों में व्यवसाय की प्रवृत्ति विकसित की जाए। सरकारी नौकरियां बहुत सीमित हैं इसलिए समाज और देश खुशहाल रहे। इसके लिए महाराज अग्रसेन के बताए हुए रास्ते पर चलने की जरूरत है। कार्यक्रम में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष जूही सिंह ने कहा कि महाराज अग्रसेन समाजिक विचारधारा के पोषक थे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने में अपना पूरा योगदान दिया। जूही सिंह ने कहा कि आने वाली पीढियां को अपने महापुरुषों के बताए रास्तों का अनुसरण करना चाहिए और महापुरुषों की जीवनियों को जरूर पढ़ना चाहिए ताकि वर्तमान में हम कैसे बेहतर कर सकें इसकी बहुत कुछ सीख महापुरुषों के कृतित्व से मिल सकती है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश क्षत्रिय लोक सेवक परिवार महासमिति के अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने कहा कि महाराजा अग्रसेन अर्थव्यवस्था के प्रणेता थे उन्होंने अपने राज्य की खुशहाली के लिए अर्थ तंत्र को मजबूत कैसे किया जाए इसके लिए वहां के निवासियों में व्यवसाय करने की प्रवृत्ति विकसित की। लोगों को व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया , उनका सहयोग किया। बाबा हरदेव ने कहा कि महाराजा अग्रसेन ने समाज को आर्थिक रूप से संपन्न करने का जो बीड़ा उठाया था, अपने राज्य में उन्होंने कर दिखाया। आज जरूरत है उनके बताएं रास्तों का अनुसरण करने की।

बाबा हरदेव ने इस अवसर पर महासमिति के कार्यकलापों का भी उल्लेख किया और कहा की यह समिति समाज के कमजोर लोगों के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों की बेटियों के विवाह में महासमिति हर संभव मदद करती है। इसी तरह से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के इलाज में भी महासमिति मुख्यमंत्री कोष और प्रधानमंत्री कोष से आर्थिक मदद मुहैया कराती है। इस अवसर पर बाबा हरदेव ने कहा कि महाराजा अग्रसेन इक्ष्वाकुवंशी क्षत्रिय थे लेकिन वर्तमान में अग्रवाल समाज उन्हें अपना पुरोधा मानता है और बड़े धूमधाम से अग्रवाल समाज महाराजा अग्रसेन की जयंती में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल महासमिति ने महाराजा अग्रसेन की जयंती मनाने का निर्णय लिया था और इस वर्ष उनकी जयंती महासमिति धूमधाम से मना रही है। इस अवसर पर अग्रवाल समाज से डॉक्टर अखिल अग्रवाल भी इस कार्यक्रम में आए हैं, बाबा हरदेव ने कहा कि महाराजा अग्रसेन ने क्षत्रिय समाज से वैश्यों को जोड़ने का जो मार्ग दिखाया था वर्तमान में हमें और अग्रवाल समाज को मिलकर उनके दिखाएं मार्ग में चलने की जरूरत है।
इस अवसर पर महासमिति ने वरिष्ठ पत्रकार यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ के अध्यक्ष रविंद्र सिंह सहित महासमिति की कार्यकारिणी के प्रमुख कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
महासमुंद समिति की महासचिव इंद्रासन सिंह, केके सिंह, धनंजय सिंह, राम नायक सिंह ने अपने विचार व्यक्त किया। महासमिति के संरक्षक एसकेडी सिंह ने धन्यवाद देकर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही