भाषा विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस का हुआ समापन

लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में 15वें स्थापना दिवस का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण के साथ किया गया। कुलपति प्रो नरेन्द्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के अटल हॉल में स्थापना दिवस समारोह का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। 
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो विनीत कंसल ने सभी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते भाषा विश्वविद्यालय को NEP इम्प्लीमेंटेशन पर एवं मल्टी डिसिप्लिनरी व्यवस्था के विकास पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहने की और उसपर परिश्रम करने की जरूरत है। भविष्य निर्माण का यही सर्वोच्च समय है । इसके अतिरिक्त उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हमें निरंतर सीखने की ललक को जगाए रखना चाहिए। आज जो बीज़ आप बोयेंगे वही कल आप काटेंगे। विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे परिश्रमी व्यक्ति किसी भी क्लास का बैक बेंचर होता है, सबसे ज़्यादा मेहनत भी उसके द्वारा ही की जाती है। अपने सम्बोधन में उन्होंने सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए सभी को सुभकामनाएँ दीं एवं उज्वल भविष्य की कामना की। 


वहीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईसीआईसीआई बैंक के स्टेट हेड ज्योतिरॉय चौधरी ने भाषा विश्वविद्यालय की सुविधाओं की तुलना कॉरपोरेट सेक्टर में मिलने वाली सुविधाओं से की। उन्होंने विश्वविद्यालय के रिसोर्सेस एवं मूलभत सुविधाओं की भी प्रशंसा की । 

स्थापना दिवस के समापन समारोह के अवसर पर कुलपति प्रो सिंह द्वारा 9 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रो सौबन सयीद, डॉ दोआ नक़वी, डॉ बुशरा अलवेरा, प्रो तनवीर ख़दीजा, डॉ नीरज़ शुक्ल, डॉ रुचिता सुजय चौधरी, डॉ ज़ैबून निसा, डॉ नलिनी मिश्रा, प्रो चंदाना डे एवं प्रो एहतेशाम अहमद रहे। प्रो नरेंद्र बहादुर सिंह ने विजेता हुए सभी छात्रों को शुभकामनाएं प्रेषित की। कुलपति ने सभी विद्यार्थियों को हमेशा सीखने की सलाह दी। धन्यवाद ज्ञापन डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो चन्दना डे ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रूचिता सुजय चौधरी ने किया। 

कार्यक्रम के समापन समारोह के अवसर पर प्रो मसूद आलम, कुलसचिव डॉ महेश कुमार, वित्त अधिकारी साजिद आज़मी, डॉ सचिन्द्र शेख़र, डॉ लक्ष्मण सिंह, डॉ काजिम रिज़वी सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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