सीएसआईआर नेट पेपर में नकल की घटना में सुभारती विश्वविद्यालय दोषी नहीं: डॉ अतुल कृष्ण

  • परीक्षा कराने वाली कम्पनी को लीज रेंट पर दिया गया था कम्प्यूटर लैब 

लखनऊ। एनएसईआईटी कम्पनी द्वारा कराये जा रहे सुभारती विश्वविद्यालय परिसर में सीएसआईआर नेट की परीक्षा के दौरान सर्वर हैक कर नकल कराने के आरोप में कुछ समाचार पत्रों में सुभारती को बदनाम करने वाली खबरों के संदर्भ आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुभारती समूह के संस्थापक डॉ अतुल कृष्ण ने कहा कि कुछ समाचार पत्र अनावश्यक अविधिक एवं कुत्सित रूप से स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय को बदनाम करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर नेट की परीक्षा करानें के लिए सुभारती विश्वविद्यालय अपना कम्प्यूटर लैब परिसर एनएसईआईटी कम्पनी को लीज रेंट पर दिया था। 

  • भ्रामक प्रचार न करें समाचार पत्र

उन्होंने कहा कि जनसामान्य को भ्रमित कर यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है जैसे कि नकल कांड के लिए सुभारती विश्वविद्यालय या सुभारती समूह दोषी है, जबकि इस सम्पूर्ण कांड से सुभारती का कोई लेना देना नहीं है। यहाँ तक कि कुछ समाचार पत्रों ने इस कांड को सुभारती नकल कांड का नाम तक दे दिया है। उनका ये प्रयास सुभारती की अवमानना की जद में आता है। मैं ऐसे समाचार पत्रों से आग्रह करना चाहता हूँ कि इस प्रकार भ्रामक प्रचार न करें। वो लिखें जो सही है अन्यथा हम शीध्र ही उनके विरूद्ध प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में तथा अन्य विधिक फोरम पर वाद दायर करने को मज़बूर होंगे।

  • सुभारती की नहीं थी आनलाइन परीक्षा कराने की जिम्मेदारी 

डॉ अतुल कृष्ण ने एक बार अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए यह अवगत कराया है कि स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय ने अपनी अति आधुनिक कम्प्यूट लैब एनएसईआईटी संस्था को ऑनलाईन परीक्षा आयोजित कराने के लिए लीज रेन्ट पर दी थी। नैशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्याल को ऑनलाईन परीक्षा कराने का कोई दायित्व नहीं दिया था। सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाईन परीक्षाओं के लिए अपनी कम्प्यूटर लैब को लीज रेन्ट पर देने का यह कोई पहला अवसर नहीं था। इसके पहले भी टीसीएस एवं एस्ट्रिक्स जैसी संस्थाएं भी विश्वविद्यालय की आधुनिक कम्प्यूटर लैब ऑनलाईन परीक्षा हेतु किराए पर लेती रही हैं।

  • आनलाइन परीक्षा के एक दिन पहले परीक्षा कराने वाली कम्पनी को सौंप दिया जाता है कम्प्यूटर लैब 

डॉ अतुल कृष्ण ने बताया कि स्थापित व्यवस्था के अनुसार परीक्षा के एक दिन पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा करवा रही कम्पनी को लैब का एवं जहाँ वह लैब उपस्थित हो, उस सम्पूर्ण तल का अधिकार एवं पूर्ण संरक्षण दे दिया जाता है। विश्वविद्यालय का कम्प्यूटर का सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर सभी उपलब्ध कम्प्यूटर इत्यादि को जाँच करवाकर, परीक्षा करा रही कम्पनी को सौंप देता है। स्थापित कम्प्यूटर लैब एवं सुविधाओं के अतिरिक्त विश्वविधालय द्वारा उक्त कम्पनी को एक स्थान पर विद्युत के तीन रास्तों वाले प्लग की सुविधा एवं इंटरनेट का कनेक्शन दिया जाता है। उसके उपरान्त स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय अथवा उसके किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का तकनीकि अथवा प्रशासनिक दायित्व नहीं होता। यहां तक कि सर्वर, लैपटाप, पेनड्राइव इत्यादि इलेक्ट्रानिक उपकरण भी परीक्षा कराने वाली कम्पनी के होते हैं।

  • परीक्षा केंद्र पर विश्विद्यालय ने नहीं की थी किसी कर्मचारी की नियुक्ति

सीएसआईआर नेट पेपर में सेंधमारी की घटना में विवि के दो कर्मचारियों सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर अरुण शर्मा व लैब सहायक विनीत कुमार को एसटीएफ द्वारा पकड़े जाने पर सुभारती समूह के संस्थापक डॉ अतुल कृष्ण ने कहा कि अरूण शर्मा एवं विनीत विश्वविधालय प्रबंधन के द्वारा न तो नियुक्त किए गए और न ही भेजे गए थे, तो ये बताने का दायित्व कि वे दोनों एनएसईआईटी के परीक्षा केन्द्र में क्यों थे, निश्चित तौर पर एनएसईआईटी के अधिकारियों ने विश्वविधालय के कर्मचारियों को लोभ एवं लालच देकर अपने साथ मिलाया गया होगा। जैसे ही विश्वविधालय के संज्ञान में आया कि संस्था के यह दो व्यक्ति मौके पर पाए गए, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है एवं आवश्यक विधिक कार्यवाही उपरान्त उन्हें पदमुक्त भी कर दिया जाएगा।

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